अक्सर जरा सा बीमार होने पर हम दवा ले लेते हैं और सोचते हैं कि हमने रोग को बढ़ने से पहले ही खत्म कर दिया. पर हम इस बात को नहीं समझ पाते कि जो दवा हमने ली उसने अदंर जाकर कई नुकसान पहुंचाने की राह बना ली है. अधिक दवाएं लेने की आदत आपके शरीर को और बीमार होने की राह पर अग्रसर कर सकती हैं. इसलिए दवाओं का रुख करने से पहले घरेलू नुस्खों को जरूर अपना कर देख लें. आप एक बार ऐसा करें तो सही, फिर देखें कि कैसे आप इन्हीं की आदत ड़ाल लेंगे और वास्तव में एक हेल्दी जीवन जीने लगेंगे...
आंखों के लिए फायदेमंद
मुलेठी के क्वाथ से नेत्रों को धोने से नेत्रों के रोग दूर होते हैं. मुलेठी की मूल चूर्ण में बरबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाकर एक चम्मच सुबह शाम खाने से आंखों की जलन मिटती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है. अगर आंखें लाल हो जाती हैं, तो मुलेठी को पानी में पीसकर उसमें रूई का फाहा भिगोकर आंखों पर बांधने से आराम मिलेगा.
कमरख के स्वास्थ्य और सौंदर्य लाभ
कान और नाक
मुलेठी कान और नाक के रोग में भी लाभकारी है. मुलेठी और द्राक्षा से पकाए हुए दूध को कान में डालने से कान के रोगों में फायदा होता है. 3-3 ग्राम मुलेठी और शुंडी में छह छोटी इलायची, 25 ग्राम मिश्री मिलाकर, क्वाथ बनाकर 1-2 बूंद नाक में डालने से नासा रोगों खत्म होते हैं.
मुंह के छाले करे दूर
मुंह के छाले मुलेठी मूल के टुकड़े में शहद लगाकर चूसते रहने से लाभ होता है. मुलेठी को चूसने से खांसी और गले के रोग भी दूर होते हैं. सूखी खांसी में कफ पैदा करने के लिए इसकी 1 चम्मच मात्रा को शहद के साथ दिन में 3 बार चटाना चाहिए. इसका 20-25 मिली क्वाथ सुबह-शाम पीने से श्वास नलिका साफ हो जाती है. मुलेठी को चूसने से हिचकी दूर होती है.
दिल के लिए लाभदायक
मुलेठी हृदय रोग में भी लाभकारी है. 3-5 ग्राम और कुटकी चूर्ण को मिलाकर 15-20 ग्राम मिश्री युक्त जल के साथ प्रतिदिन नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है. इसके सेवन से पेट के रोग में भी आराम मिलता है. मुलेठी का क्वाथ बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीने से उदरशूल मिटता है.
स्किन को दे हेल्थ
मुलेठी स्किन प्रॉब्लम्स में भी राहत देती है. फफोड़ों पर मुलेठी का लेप लगाने से वे जल्दी पककर फूट जाते हैं. मुलेठी और तिल को पीसकर उससे घृत मिलाकर घाव पर लेप करने से घाव भर जाता है.
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